Saturday, 9 January 2016

* पुरुषों में बांझपन या नपुंसकता के लक्षण ढूंढ़ना बहुत मुश्किल होता है। आमतौर पर नपुंसकता का कारण शरीर में उपलब्ध हार्मोंस में गड़बड़ी या इनकी कमी के कारण होती है।
* हार्मोंस में बदलाव के कारण भी पुरुषों में यह समस्या हो सकती है। कई बार जो पुरूष हुष्ट-पुष्ट है किसी दुर्घटनावश वह ‪#‎नंपुसक‬ भी हो सकता है। इसीलिए नपुंसकता के लक्षणों को जानना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन फिर भी कुछ सामान्य सी बातों को जानकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पुरूष नंपुसक है या नहीं। आइए जानें पुरूषों में नपुंसकता के लक्षणों को।
* ऐसे पुरुष में नपुंसक होने के लक्षण मौजूद होते हैं, जो संभोग के समय में सही तरीके से यौन क्रियाएं नही कर पाता या फिर बहुत जल्दी डिस्चार्ज हो जाता है। दरअसल नपुंसकता का संबंध सीधे तौर पर ज्ञानेन्द्रियों से होता है, ऐसे में पुरुष कई बार इस बारे में जागरूक नहीं हो पाते तो कई बार संकोचवश हकीम से इस बारे में परामर्श नहीं ले पातें। जिससे ये रोग बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। नपुंसक व्यक्ति की महिला साथी कभी पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हो पाती।
* कुछ लोग नपुंसक नहीं भी होते लेकिन घबराहट और मन में डर या किसी मानसिक बीमारी आदि के कारण वे उत्तेजित नहीं हो पाते। भविष्य में यही डर और घबराहट ऐसे पुरुषों को नपुंसक बना देता हैं और घबराहट के कारण यह अपनी पार्टनर से दूर-दूर रहने लगते हैं।
पुरूषों में बांझपन के लक्षण:-
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* जो पुरुष संभोग के दौरान सही तरीके से यौन क्रियाएं नहीं कर पाता या फिर बहुत जल्दी डिस्चार्ज हो जाता है तो उसमें कमी होती है। यह नपुसंकता का लक्षण भी है। नपुंसकता होने पर पुरुष के लिंग में कठोरता या तो आती नहीं, आती है तो बहुत जल्दी शांत हो जाती है। संभोग के दौरान अचानक लिंग में कठोरता का कम होना।
दरअसल नपुंसकता का संबंध सीधेतौर पर ज्ञानेन्द्रियों(सेंसेज) से होता है। कुछ लोग तो संकोचवश या जागरुकता के अभाव में इस बारे में सही जानकारी नही ले पाते हैं।
* हालांकि नंपुसकता अधिक उम्र के व्यक्तियों में ज्यादा पाई जाती है। जिससे पुरुष महिलाओं के पास जाने से भी घबराने लगते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही यौन इच्छा में कमी होने लगती है। जो पुरुष सेक्स क्रिया करने में रूचि नहीं रखते और जिनमें उत्तेजना नहीं होती वे पूर्ण नपुंसक होते हैं। जबकि जो पुरुष एक बार तो उत्तेजित होते हैं लेकिन घबराहट या किसी अन्य कारण से अक्‍सर जल्दी शांत हो जाते हैं उन्हें आंशिक नपुंसक कहा जाता है।
* संभोग करने के दौरान या करने से पहले घबराहट होना। क्योंकि ऐसे लोगों में विश्वास की कमी होती है और उनके अंदर डर सा बना रहता है। संभोग के दौरान जल्दी डिस्चार्ज हो जाना। संभोग के दौरान अचानक लिंग में कठोरता का कम होना। नपुंसकता के कारण पुरुष का लिंग सामान्य से छोटा हो जाता है जिससे पुरुष ठीक तरह से संभोग करने में असमर्थ होता है। नपुंसक लोगों में आत्मभविश्वास की कमी होना। अक्सर ऐसे लोग भीड़ से घबराते हैं और महिलाओं से बात करने में दिक्कत होती है।
* नपुंसक व्यक्ति के अंडकोष छोटे हो जाते हैं। नपुंसकता के कारण व्यक्ति थकान महसूस करता है। आत्म विश्वास की कमी होना। लोगों से बातचीत के दौरान घबराना। भीड़ में घबराना या महिलाओं से बात करने में झिझकना।
* नपुंसक व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे सही तरह से संभोग ना करने के कारण पीडि़त व्यक्ति बीमार रहने लगता है। बांझपनके कारण व्यक्ति के प्रजनन अंग कमजो़र हो जाते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी ने लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बना दिया है। फास्ट फूड का ज्यादा प्रयोग और खान-पान में पोषक तत्वों की कमी इसका प्रमुख कारण है।
नोटः अगर सेक्स से संबंधित आपकी भी कोई समस्या या सवाल है तो उसे आप हमें हिंदी या अंग्रेजी में मेल कर सकते हैं। ईमेलःinfo@hashmi.com

Friday, 8 January 2016

मौजूदा समय में पुरूशों में नपुंसकता एवं यौन अक्षमता पैदा करने वाली इरेक्टाइल डिसफंक्शन की बीमारी का प्रकोप तंबाकू, शराब एवं मादक द्रव्यों के सेवन तथा मानसिक तनाव एवं दुश्चिंता जैसे कारणों से तेजी से बढ़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार हर दस में से एक पुरुष यौन अक्षमता की बीमारी इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ई.डी.) से पीड़ित है। यह बीमारी रक्त वाहिनियों या तंत्रिकाओं अथवा दोनों की कार्यप्रणालियों में गड़बड़ी आ जाने से उत्पन्न होती है। पुरुष जननांग की रक्त वाहिनियों में वसा जम जाने पर जननांग में रक्त प्रवाह समुचित रूप से नहीं हो पाता है जिसके कारण यौन संबंध के दौरान पुरुष लिंग में पर्याप्त कड़ापन नहीं आ पाता है। मधुमेह और उच्च रक्त दाब तथा इन रोगों की दवाईयों के सेवन, मानसिक तनाव, पर्यावरण प्रदूषण, मेरू रज्जू (स्पाइनल कार्ड) में चोट अथवा उससे संबंधित बीमारियों, हार्मोन संबंधी एवं आनुवांशिक विकारों के अलावा अधिक शराब एवं वसा युक्त भोजन के सेवन तथा धूम्रपान से कई पुरुषों में ‘इरेक्टाइल डिस्फंक्शन’ की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
रक्तवाहिनियों की समस्यायें : इस बीमारी का सबसे सामान्य कारण रक्त वाहिनियों से संबंधित समस्यायें हैं। इस बीमारी से ग्रस्त पुरुषों की रक्त वाहिनियां संकरी होती हैं जिनसे यौन संबंधों के दौरान  लिंग की रक्त वाहिनियों में समुचित रक्त प्रवाह नहीं हो पाता। एथ्रोस्क्लेरोसिस (धमनियों का कड़ापन), उच्च रक्त दाब, उच्च कॉल्ेास्ट्रॉल और धूम्रपान रक्त वाहिनियों के संकरेपन के प्रमुख कारण हैं। रक्त वाहिनियों के संकरेपन या कड़ापन के कारण शरीर के विभिन्न भागों में खास तौर पर जननांगों में रक्त प्रवाह में गिरावट आ जाती है।
स्नायु समस्यायें : सामान्य स्थिति में यौन उत्तेजना के दौरान मस्तिष्क एवं स्पाइनल कॉर्ड के संदेश नर्व के जरिये पेल्विस एवं जननांगों की रक्त वाहिकाओं को भेजे जाते हैं। ये संदेश पाकर रक्त वाहिकायें फैलती हैं तथा उनमें रक्त भर जाता है जिससे लिंग में कड़ापन आता है। अनेक स्थितियां संदेश के आवागमन की प्रक्रिया को बाधित करके इरेक्टाइल डिसफंक्शन पैदा कर सकती हैं। मधुमेह, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसन्स रोग, स्ट्रोक, स्पाइनल कॉर्ड में चोट तथा कोलोन या प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी के कारण स्नायु तंत्र को नुकसान पहुंचता है जिससे मस्तिष्क के संदेश को ले जाने की स्नायुओं की क्षमता घटती है। शराब, मादक द्रव्यों और कुछ खास दवाइयों के लंबे समय तक सेवन से भी स्नायु तंत्र एवं रक्त वाहिनियों को नुकसान पहुंच सकते हैं।

हार्मोन समस्यायें : जिन पुरुषों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में टेस्टोस्टेरोन नामक पुरुष हार्मोन नहीं बनता है उन्हें भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है। कम सेक्स हार्मोन के कारण यौन उत्तेजना एवं रूचि में भी कमी आती है।
मनोवैज्ञानिक कारण : यौन क्रिया को लेकर चिंता, संबंधों में तनाव, डिप्रेशन एवं तनाव जैसे मनोवैज्ञानिक कारणों से भी यह बीमारी हो सकती है। दुश्चिंता एवं तनाव के कारण एड्रेनलीन हार्माेन का उत्सर्जन होता है जिससे पुरुष जननांग में रक्त प्रवाह में कमी आती है और इरेक्टाइल डिशफंक्शन की समस्या होती है। तीव्र दर्द से पीड़ित लोगों को भी यह समस्या हो सकती है।